बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर राजनीतिक बवाल मचा हुआ है.अब दिल्ली भी चर्चा में आ गया है.
बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को लेकर सियासी बवाल मचा हुआ है। अब दिल्ली भी चर्चा में आ गई है। राजधानी दिल्ली बेघर लोगों को मतदाता सूची में शामिल करने वाला पहला शहर था। दिल्ली में बेघर लोगों को मतदाता पहचान पत्र देने की व्यवस्था 2013 में शुरू हुई थी।
बिहार में एसआईआर को लेकर सियासी बवाल मच गया है। राज्य में कई लोगों के मकान नंबर को एसआईआर के मसौदे में ‘0’ दिया गया है। विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा था। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद राहुल गांधी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि चुनावों में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हो रही है और आम नागरिकों के मताधिकार छीने जा रहे हैं।.
इस बीच, दिल्ली में कई ऐसे मतदाता हैं जिनके लिए मकान नंबर ‘0’ उनकी पहचान का अहम हिस्सा है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के सैकड़ों बेघर निवासी देश के उन पहले लोगों में शामिल हैं जिन्हें चुनावी प्रक्रिया में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक अनूठा पता दिया गया है।
एक प्रभारी प्रखंड जिला अधिकारी ने बताया कि बेघर व्यक्ति को फॉर्म 6 भरकर यह साबित करना होता है कि वह आश्रय गृह में रह रहा है। फॉर्म जमा करने के बाद, बीएलओ दिए गए पते पर सत्यापन के लिए जाता है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली में रोज़गार के लिए बाहर से आए कई लोगों ने मतदाता पहचान पत्र बनवा लिए हैं। ऐसे कई लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदान किया था। इसी साल फरवरी में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने मतदान किया था।
नाव आयोग ने 17 अगस्त को जवाब दिया।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के सवालों के जवाब दिए। उन्होंने कहा कि यह आशंका निराधार है कि जिनके घर के पते में SIR के नीचे ‘0’ लिखा है, वे फर्जी मतदाता हो सकते हैं।