राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी INDIA ब्लॉक ने सोमवार 11 अगस्त 2025 को संसद से लेकर चुनाव आयोग (EC) के दफ्तर तक ‘वोट चोरी’ और SIR (मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन) के खिलाफ मार्च किया। यह मार्च बिहार में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी और चुनावी धोखाधड़ी के आरोपों को लेकर था। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करने और पारदर्शी चुनाव की मांग की है ताकि जनता और राजनीतिक दल उसका ऑडिट कर सकें। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक डिजिटल अभियान शुरू किया है और एक वेब पोर्टल लॉन्च किया है जहां लोग पंजीकरण कर इस मांग का समर्थन कर सकते हैं। मार्च में विपक्ष के 300 से अधिक सांसद शामिल हुए।
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़े गए हैं, जिससे 6.5 लाख मतदाताओं में से 1 लाख से अधिक फर्जी वोट बन गए। इसके चलते उन्होंने लोकतंत्र पर हमला बताते हुए चुनाव आयोग की जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग की है।
कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राहुल गांधी को नोटिस भेजा है और उनसे वोट चोरी के आरोपों के लिए सबूत और दस्तावेज देने को कहा है ताकि आरोपों की जांच की जा सके। राहुल गांधी ने 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले को उजागर किया था जिसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि एक मतदाता ने दो बार वोट डाला है, जिसका चुनाव आयोग ने खंडन किया है और उनसे प्रमाण मांगे हैं।
दिल्ली पुलिस ने इस मार्च के संबंध में बताया कि अभी तक विपक्षी गठबंधन ने मार्च के लिए अनुमति नहीं मांगी है।
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई बताया है और राहुल गांधी ने लोगों से इस डिजिटल वोटर सूची के समर्थन में पंजीकरण कराली अपील की है। यह मुद्दा 2024 के चुनावों में राजनीतिक हथियार बन सकता है।
SIR और ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद से EC दफ्तर तक राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष का मार्च

