प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गया में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रस्तावित कानून का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि इस कानून के तहत अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों से ज़्यादा हिरासत में रहता है, तो उसे पद छोड़ना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के गया में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष, खासकर राजद और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। जनसभा को संबोधित करते हुए अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के नए प्रस्तावित कानून का भी ज़िक्र किया, जिसके तहत अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक आरोपों में 30 दिनों से ज़्यादा हिरासत में रहता है, तो उसे उसके पद से हटा दिया जाएगा।
नए प्रस्तावित कानून का उल्लेख
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुँचाना है, तो किसी को भी कार्रवाई के दायरे से बाहर नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
“आज कानून है कि अगर किसी छोटे कर्मचारी को 50 घंटे हिरासत में रखा जाए तो वो स्वतः ही निलंबित हो जाता है। चाहे वो ड्राइवर हो, चपरासी हो या सबसे छोटा कर्मचारी हो, उसकी ज़िंदगी बर्बाद हो जाती है। लेकिन अगर कोई मुख्यमंत्री है, मंत्री है, प्रधानमंत्री है, तो वो जेल में रहते हुए भी सत्ता का सुख भोग सकता है। ये कैसे हो सकता है? हमने कुछ समय पहले देखा है कि कैसे जेल से फाइलों पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे, जेल से आदेश दिए जा रहे थे। अगर नेताओं का यही रवैया रहेगा तो हम इस तरह के भ्रष्टाचार के खिलाफ कैसे लड़ सकते हैं?”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
‘संविधान हर जनप्रतिनिधि से ईमानदारी और पारदर्शिता की अपेक्षा करता है। हम संविधान की मर्यादाओं का उल्लंघन होते नहीं देख सकते। इसीलिए एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक ऐसा कानून लेकर आई है जिसमें देश के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। इस कानून में मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को भी शामिल किया गया है। जब यह कानून बन जाएगा, तो चाहे वह प्रधानमंत्री हों या मुख्यमंत्री, या कोई भी मंत्री। उन्हें गिरफ्तारी के 30 दिनों के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिलती है, तो उन्हें 31वें दिन कुर्सी छोड़नी होगी।’
विपक्ष पर निशाना
विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
‘क्या जेल से कोई सरकार चला सकता है? इसलिए हम इतना सख्त कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ये राजद वाले, ये कांग्रेस वाले, ये वामपंथी, इस कानून का विरोध कर रहे हैं। ये बहुत गुस्से में हैं। पता नहीं इन्हें किस बात का डर है। जिन्होंने पाप किए हैं, वो दूसरों से तो अपने पाप छिपाते हैं, लेकिन अंदर ही अंदर जानते हैं कि उन्होंने क्या खेल खेला है। इन सबका भी हिसाब है।’
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,
“ये राजद और कांग्रेस के लोग ज़मानत पर बाहर हैं, इसलिए चालबाज़ियों के खेल में अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। जो ज़मानत पर बाहर हैं, वो आज इस कानून का विरोध कर रहे हैं। इन्हें लगता है कि अगर ये जेल गए, तो इनके सारे सपने चकनाचूर हो जाएँगे। इसलिए ये लोग सुबह-शाम मोदी को तरह-तरह की गालियाँ दे रहे हैं। ये इतने गुस्से में हैं कि जनहित के इस कानून का विरोध कर रहे हैं। हमारे राजेंद्र बाबू और बाबासाहेब अंबेडकर ने कभी नहीं सोचा था, कभी कल्पना भी नहीं की थी कि सत्ता के भूखे लोग भ्रष्टाचार करेंगे और जेल जाने के बाद भी अपनी कुर्सी से चिपके रहेंगे, लेकिन अब भ्रष्टाचारी जेल जाएंगे और उनकी कुर्सी भी जाएगी। भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने का देश के करोड़ों लोगों का संकल्प, देश के करोड़ों लोगों का संकल्प है, जो पूरा होगा।”