भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है. आपदा प्रबंधन के अनुसार, बारिश से करीब 20,000 लोग प्रभावित हुए हैं. असम, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम में बाढ़ और भूस्खलन से लोग मुश्किल में पड़ गए हैं. फिलहाल राज्य के लोगों को इस परेशानी से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले 2 दिनों तक पूर्वोत्तर राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है. इसे ध्यान में रखते हुए एनडीआरएफ, पुलिस, सेना समेत कई एजेंसियां अलर्ट पर हैं.पूर्व से लेकर उत्तर तक मानसून की तबाही के कारण अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है। उत्तरी सिक्किम में बादल फटने से तीस्ता नदी में बाढ़ आ गई है। कई इलाकों में पहुंचना मुश्किल हो गया है। सिक्किम में एक सैन्य शिविर भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है। इस हादसे में सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 6 जवान अभी भी लापता हैं। ऐसे में प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के मूड में नहीं है।
सिक्किम से लेकर अरुणाचल और त्रिपुरा से लेकर असम तक की नदियां उफान पर हैं। बाढ़ में हजारों घर डूब गए हैं। भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। सैकड़ों घर मलबे में तब्दील हो गए हैं।
मणिपुर में बारिश का सबसे बुरा असर देखने को मिला है. पूरा शहर जलमग्न हो गया है. नजारे ऐसे देखने को मिल रहे हैं जैसे सड़कें समुद्र में तब्दील हो गई हों. हजारों घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इसके चलते लोग बेघर हो गए हैं और तीन हजार से ज्यादा घर जलमग्न हो गए हैं. हालात इतने खराब हैं कि दफ्तरों और अस्पतालों में भी पानी भर गया है. इसके चलते मरीजों और जरूरी उपकरणों को निकाला जा रहा है. मणिपुर में अब तक करीब 20 हजार लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. करीब 3365 घरों को नुकसान पहुंचा है. भारी बारिश के चलते शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. ऐसे में सेना, एनडीआरएफ, असम राइफल्स और फायर सर्विस की टीमें लोगों को बचाने में जुटी हुई हैं.
पूर्वोत्तर में बारिश का कहर: 3 सैन्यकर्मियों समेत 37 लोगों की मौत, जन-जीवन अस्त-व्यस्त

