ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की है कि वह सितंबर 2025 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीन को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में औपचारिक मान्यता देगा।
यह फैसला गाजा में चल रहे मानवीय संकट और इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के हालात के बीच लिया गया है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने स्पष्ट किया कि केवल दो-राज्य समाधान ही क्षेत्र में स्थायी शांति का मार्ग है और फिलिस्तीनी लोगों की राज्य की आकांक्षाओं को मान्यता देना आवश्यक है। इस मान्यता के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई हैं, जैसे:
फिलिस्तीन सरकार में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी।
गाजा का विसैन्यीकरण और निष्पक्ष चुनाव कराना आवश्यक होगा।
ऑस्ट्रेलिया का यह कदम फ्रांस, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों के साथ मिलकर लिया गया है, जिन्होंने भी फिलिस्तीन को मान्यता देने की योजना बनाई है। यह फैसला ऑस्ट्रेलिया के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फिलिस्तीन की मान्यता के समर्थन और मांग के बाद आया है।
सरकार ने यह भी कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की मान्यता के विषय में अन्य देशों और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के साथ मिलकर काम करेगी। हालांकि अमेरिका ने इस फैसले का विरोध जताया है और वह इज़राइल के साथ शांति समझौते के बाहर किसी फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का विरोध कर रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में फ़िलिस्तीन को मान्यता देगा ऑस्ट्रेलिया

