अमेरिका द्वारा भारत के सामानों पर 50% टैरिफ बढ़ाने के बाद भारत के लिए रूस का क्रूड ऑयल और सस्ता हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई में ब्रेंट क्रूड की तुलना में रूस का क्रूड केवल 1 डॉलर सस्ता मिल रहा था, लेकिन अब यह अंतर बढ़कर 3 से 4 डॉलर तक पहुँच गया है। अगस्त में यह डिस्काउंट 2.50 डॉलर था, जबकि सितंबर के अंत और अक्टूबर की डिलीवरी के लिए कीमतों में और कमी की गई है। दूसरी ओर, अमेरिकी क्रूड ऑयल ब्रेंट से 3 डॉलर के प्रीमियम पर ऑफर किया जा रहा है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा क्रूड ऑयल आयातक देश है। वर्ष 2022 से पहले भारत की रूस से क्रूड आयात हिस्सेदारी 1% से भी कम थी, लेकिन अब यह बढ़कर 40% तक पहुँच गई है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान भारत की औसत दैनिक 54 लाख बैरल आयात में रूस की हिस्सेदारी 36% रही, जो इराक, यूएई, अमेरिका और सऊदी अरब से मिलने वाली आपूर्ति से अधिक है।
भारत का दावा है कि रूस से क्रूड खरीदने पर ऐसे कोई अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध नहीं हैं जो इसमें बाधा उत्पन्न करें। वर्तमान में रूस का क्रूड और सस्ता होने से भारत इसकी खरीद में और वृद्धि करने की योजना बना रहा है।