वित्त वर्ष 2026 के पहले चार महीनों में भारत के निर्यात का परिदृश्य मिश्रित रहा है। शीर्ष 20 देशों में से लगभग सात देशों में निर्यात में कमी दर्ज की गई, जबकि अमेरिका जैसे महत्वपूर्ण बाज़ार में निर्यात 22% बढ़कर मज़बूत बना रहा। वाणिज्य विभाग के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जुलाई के दौरान नीदरलैंड (-21.2%), यूके (-11.2%), सिंगापुर (-11.8%), सऊदी अरब (-11.8%), दक्षिण अफ्रीका (-16.3%), इटली (-9.3%), फ्रांस (-17.3%) और मलेशिया (-28.8%) में भारत के निर्यात में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई। इन देशों का भारत के कुल मर्चेंडाइज निर्यात में लगभग 69% हिस्सा है।
कुल निर्यात की बात करें तो वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में भारत का निर्यात 3% बढ़कर 149.2 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका अमेरिका के बढ़े हुए ऑर्डर्स की रही, जहाँ 22% की मज़बूत वृद्धि दर्ज की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका ने अगस्त के अंत से आयात पर 50% ड्यूटी लगाने की घोषणा की है, जिसके चलते वहाँ के खरीदार पहले से ही स्टॉक बना रहे हैं। इसी वजह से भारतीय निर्यातकों ने अमेरिकी ऑर्डर्स को प्राथमिकता दी।
हालाँकि, सितंबर से ऊँचे कर लागू होने के बाद अमेरिका की ओर निर्यात में भारी गिरावट आ सकती है। साथ ही, अन्य देशों में निर्यात घटने का एक कारण यह भी रहा कि भारतीय निर्यातकों ने अमेरिकी बाज़ार पर ज़ोर देने के चलते उन बाज़ारों में पर्याप्त डिलीवरी नहीं की। कुल मिलाकर, वर्तमान में अमेरिका में भारतीय निर्यात मज़बूत है, लेकिन आने वाले महीनों में ऊँचे टैरिफ लागू होने से दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है।