प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ के बीच स्पष्ट कहा है कि भारत अपने किसानों, मछुआरों, और पशुपालकों के हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन वे इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने किसान साथ मजबूती से खड़ा है और देश के हित सर्वोपरि हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को संकेत देते हुए कहा कि दोस्ती में बराबरी होनी चाहिए, अन्यथा वह हर नुकसान सहने को तैयार हैं। यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत से कुछ वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाने का फैसला किया है, जिससे भारत की कृषि और डेयरी क्षेत्र की आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है।
पीएम मोदी ने अपने किसानों का हित इसलिए प्राथमिकता दी है क्योंकि उनकी सरकार किसानों की ताकत को देश की प्रगति का आधार मानती है। उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, खेती पर खर्च कम करने, और आय के नए स्रोत बनाने जैसे लक्ष्यों पर लगातार काम किया है। किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के हितों के साथ कभी समझौता नहीं किया जाएगा, भले ही इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से भारी कीमत चुकानी पड़े। मोदी ने कहा है कि छोटे किसानों को आत्मबल देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना, और पीएम कृषि सिंचाई योजना जैसी नीतियां बनाई गई हैं, जो किसानों को जोखिम से सुरक्षा और आर्थिक मदद प्रदान करती हैं। ये प्रयास किसानों में भरोसा बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए हैं, जिससे वे देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।
संक्षेप में, पीएम मोदी का मानना है कि किसानों की भलाई और सुरक्षा देश की सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए क्योंकि वे देश की आर्थिक और सामाजिक प्रगति की नींव हैं। इसलिए किसानों का हित सर्वोपरि रखना सरकार की प्रतिबद्धता है, भले ही इसका व्यक्तिगत या आर्थिक रूप से बड़ा मूल्य चुकाना पड़े.
प्रधानमंत्री मोदी के इस से किसानों के बीच यह स्पष्ट संदेश जाता है कि उनकी भलाई और हित सरकार के लिए सर्वोपरि हैं। यह उन्हें विश्वास और आश्वासन देता है कि उनकी समस्याओं और चुनौतियों को गंभीरता से लिया जा रहा है और सरकार उनके समर्थन में पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही, यह संदेश भी जाता है कि किसानों की सुरक्षा के लिए कोई भी त्याग या कीमत चुकाने को तैयार रहा जाएगा, जिससे किसानों को आत्मबल और साहस मिलता है।
यह स्थिति किसानों में यह भावना भी पैदा करती है कि वे अकेले नहीं हैं और उनकी आर्थिक सुरक्षा, सम्मान, तथा विकास के लिए सरकार हमेशा उनके साथ खड़ी है। इससे किसानों में सरकार के प्रति विश्वास बढ़ता है और वे देश की विकास यात्रा में सक्रिय और मददगार भूमिका निभाने के लिए प्रेरित होते हैं।