
पिछले 5 साल में मध्य प्रदेश में 15, राजस्थान में 14 रुपए लीटर पेट्रोल के दाम बढ़े हैं। सबसे ज्यादा कीमतें अंडमान में 35 रुपए बढ़ी हैं। जबकि झारखंड में पांच साल में पेट्रोल की कीमतों में कोई भी अंतर नहीं आया है।
मध्यप्रदेश में पिछले 5 सालों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बढ़ी हैं। यह जानकारी 21 अगस्त को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में दी गई है।
सबसे ज्यादा अंडमान निकोबार में दाम बढ़े 2021 से लेकर 2025 तक पेट्रोल के रेट सबसे ज्यादा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में 49% बढ़ाए गए। यहां 5 सालों में पेट्रोल के रेट में 35 रुपए का इजाफा हुआ। झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य है जहां पेट्रोल की कीमतें 2021 से भी कम हैं।
5 सालों का अंतर देखें तो पेट्रोल के रेट एक रुपए भी नहीं बढ़े। झारखंड की राजधानी रांची में साल 2021 में पेट्रोल के दाम 82.80 रुपए प्रति लीटर थे। वर्तमान में रांची में पेट्रोल 82.46 रुपए प्रति लीटर है।
इन टॉप 5 राज्यों में सबसे ज्यादा बढ़ी कीमतें पेट्रोल में 5 सालों में सबसे ज्यादा अंडमान निकोबार में 49 (35 रुपए) प्रतिशत कीमतें बढ़ी हैं। वहीं, पंजाब में 27 फीसदी (23 रुपए), पश्चिम बंगाल में 24 फीसदी (20 रुपए), तेलंगाना में 20 रुपए, महाराष्ट्र में 20 रुपए शामिल हैं। वहीं, मिजोरम में 18 रुपए बढ़ाए गए हैं।
इनमें पहले नंबर पर अंडमान निकोबार द्वीप समूह केंद्र शासित प्रदेश है। दूसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी शासित पंजाब है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, मिजोरम में पीपुल्स मूवमेंट की सरकार है। जबकि तेलंगाना में कांग्रेस और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है।
लोकसभा चुनाव के चलते रेट रहे स्थिर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को देखें तो 2021 से 2023 तक कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी हुई। लेकिन, 2024 में पेट्रोल-डीजल की कीमतें स्थिर रहीं। साल 2024 में लोकसभा के चुनावों के चलते ईंधन की कीमतें नहीं बढ़ीं। हालांकि, इस साल के सात महीनों से पेट्रोल-डीजल के रेट स्थिर हैं।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण जहां आम लोग परेशान हैं। वहीं विपक्ष सरकार पर मंहगाई को रोकने में नाकाम साबित होने के आरोप लगाता है। पेट्रोल, डीजल पर टैक्स लगाने के मामले में मध्य प्रदेश देश में पांचवां राज्य है।