सिंगापुर, थाईलैंड, हांगकांग में कोरोना के मामले बढ़े, क्या भारत को चिंता करनी चाहिए?

सिंगापुर, थाईलैंड और हांगकांग जैसे देशों में मई 2025 में कोविड-19 के मामलों में अचानक तेज़ बढ़ोतरी देखी गई है।
सिंगापुर में 27 अप्रैल से 3 मई के बीच 14,200 नए मामले आए, जबकि इससे पिछले हफ्ते 11,100 थे। 5-11 मई के दौरान यह संख्या 25,900 तक पहुंच गई। अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी लगभग 30% की बढ़ोतरी हुई है।
हांगकांग में पॉजिटिविटी रेट मार्च के 1.7% से बढ़कर मई में 11.4% हो गया, और 81 गंभीर मामलों में 30 की मौत हुई, जिनमें ज़्यादातर बुज़ुर्ग थे।
थाईलैंड में भी पिछले सप्ताह 33,030 नए मामले दर्ज हुए, जिनमें से सिर्फ बैंकॉक में 6,000 से ज्यादा केस थे।
इन देशों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण JN.1 और उसके सब-वैरिएंट्स (जैसे LF.7, MB 1.8) को माना जा रहा है, जो पहले से अधिक संक्रामक हैं। इसके अलावा, लोगों की इम्युनिटी समय के साथ कम हो रही है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
भारत में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। 19 मई 2025 तक देश में सिर्फ 257 सक्रिय मामले थे, जो देश की आबादी के हिसाब से बहुत कम हैं। इनमें से लगभग सभी मामले हल्के हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।
भारत में किसी नई लहर के संकेत नहीं मिले हैं और संक्रमण के मामले स्थिर हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय लगातार स्थिति पर नजर रख रहा है और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए उचित कदम उठा रहा है।
फिलहाल भारत में कोविड-19 के मामले बहुत कम हैं और कोई नई लहर नहीं दिख रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए जो प्रभावित देशों की यात्रा कर रहे हैं या बुज़ुर्ग/बीमार हैं।
भारत सरकार स्थिति पर नजर रख रही है और समय-समय पर समीक्षा बैठकें कर रही है।
भारत में इस समय कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है और देश अपेक्षाकृत सुरक्षित है। हालांकि, एशिया के अन्य देशों में मामलों की तेज़ बढ़ोतरी को देखते हुए सतर्क रहना जरूरी है। यात्रियों और जोखिम वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।