भारतीय सेना को जल्द ही नया स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात करने के लिए क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल सिस्टम (QRSAM) की तीन रेजिमेंट खरीदने पर विचार कर रहा है। यह डील 30 हजार करोड़ रुपये की होगी।

सेना के एयर डिफेंस सिस्टम में क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM) को शामिल किया जाएगा। इस मिसाइल सिस्टम को मुख्य रूप से पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। जून के चौथे सप्ताह में रक्षा मंत्रालय की बैठक होने वाली है, जिसमें इसे मंजूरी मिल सकती है। इससे भारत की रक्षा प्रणाली और मजबूत होगी।
दिन और रात दोनों समय काम करने वाली क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल प्रणाली का सफल परीक्षण किया गया है। इस रक्षा प्रणाली को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
QRSAM (Quick Reaction Surface to Air Missile)
यह एक स्वदेशी मिसाइल सिस्टम है, जिसे DRDO ने भारतीय सेना के लिए विकसित किया है।
QRSAM सिस्टम की रेंज लगभग 30 किलोमीटर है और यह दुश्मन के लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और ड्रोन को बहुत कम समय में खोजकर मार गिराने में सक्षम है।
यह सिस्टम चलते-फिरते भी टारगेट को ट्रैक और फायर कर सकता है, जिससे यह युद्ध के मैदान में टैंकों और पैदल सेना के वाहनों के साथ भी तैनात किया जा सकता है।
QRSAM की तीन रेजिमेंट्स पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर तैनात की जाएंगी।
यह सिस्टम आकाश और MRSAM जैसी मौजूदा मिसाइल प्रणालियों के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे कम और मध्यम दूरी की वायु सुरक्षा और मजबूत होगी।
22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, ताकि पाकिस्तान में 9 आतंकी लॉन्च पैड नष्ट किए जा सकें। इसके बाद पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइलों से भारत पर हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। भारतीय सेना की एल-70 और ज़ू-23 तोपों के साथ-साथ भारतीय वायुसेना के स्पाइडर और एस-400 सुदर्शन सिस्टम ने मिलकर इन हमलों को नाकाम कर दिया।
उल्लेखनीय है कि भारतीय सेना को जल्द ही नई रडार मशीनें, कम दूरी की मिसाइलें, जैमर और लेजर सिस्टम मिलेंगे, जिससे वह तुर्की और चीन जैसे देशों से आने वाले ड्रोन खतरों से आसानी से निपट सकेगी।
QRSAM और अन्य स्वदेशी एयर डिफेंस सिस्टम के आने से भारत की वायु रक्षा प्रणाली और अधिक आत्मनिर्भर, आधुनिक और बहुस्तरीय हो जाएगी। यह कदम न केवल पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों से आने वाले खतरों का मुकाबला करने में मदद करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक स्तर पर रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है